दिसंबर 30, 2009

नव वर्ष की अल्स्साबह पहला प्यार मिल जाये

नव वर्ष की अल्स्साबह पहला प्यार मिल जाये।
रब करे, हलक में अटका शब्द निकल जाये।
प्यार से भी प्यारा, जीवन का हो सहारा,
हर्षातिरेक से सहृय के कुछ आंसू छलक जाये।


ब्लॉग में हृदयस्पर्शी कोई टिप्पणी मिल जाये।
चिट्ठों की ब्लॉगवाणी गूंजे, भङास निकल जाये।
स्वयं सम्पादक दे विषय लिखने को ’कवि हृदय‘
लेखनी की वर्षो पुरानी हसरत निकल जाये।


सरकारी अवकाश न आये इतवार के दिन,
सिर्फ आकस्मिक अवकाश में २०१० निकल जाये।
अतिरिक्त चार्ज से डिस्चार्ज न हो निज ऊर्जा,
बकाया एरीयर, उधार, टी.ए.-मेडीकल मिल जाये।


अपडेट रहे जीवन का एन्टी वायरस सदा,
डेली रूटीन सदैव डीफ्रेगमेन्ट हो जाये।
टिप्पणी में समय न गंवाएं ब्लॉगर कोई,
थोङा ही सही, स्वस्थ एन्टरटेनमेन्ट हो जाये।  

कोटला मैदान से आगामी मैचों की मेजबानी छीनना...............यह सजा हरगिज ना मिले।




















कोटला मैदान से आगामी मैचों की मेजबानी छीनना...............यह सजा हरगिज ना मिले।






फिरोजशाह कोटला मैदान की खराब पिच की सजा जिसे मिलनी थी मिल गई। डीडीसीए पिच कमेटी के अध्यक्ष चेतन चौहान ने पिच की खामी की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया है, बीसीसीआई ने पिच एण्ड ग्राउण्ड कमेटी के सभी पाँचों सदस्यों को बर्खास्त कर दिया है। आईसीसी का कहना है कि भारत में उच्च स्तरीय पिचों का निर्माण होता है व कोटला पिच पर उसने बीसीसीआई से १४ दिनों में इस पर प्रतिक्रिया मांगी है।
पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने भी डीडीसीए के इस रवैये पर एतराज जताया कि वह पेशेवर काम के लिए पेशेवर व्यक्तियों की नियुक्ति क्यों नहीं करता है व गैरपेशेवर व्यक्तियों से कार्य करवा कर आखिर क्यों माखौल उङवाया जाता है।इसके उपरान्त भी प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से यदि और भी कोई व्यक्ति इसके लिए जिम्मेदार पाया जाता है तो उसे भी सजा मिलनी चाहिए किन्तु आईसीसी या बीसीसीआई को अगले मैचों की मेजबानी छीनने का निर्णय उन दर्शकों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए कदापि नहीं करना चाहिए जिनकी भावनायें पहले ही आहत हो चुकी हो। यदि इस प्रकार का कोई फैसला लिया जाता है तो उन दर्शकों के लिए एक और बुरी खबर होगी। अतः सरकार व बीसीसीआई को आगे बढकर इसे चुनौती के रूप में स्वीकारना चाहिए व सर्वोत्तम पिच का निर्माण करवाकर क्रिकेट दर्शकों के हुए नुकसान की भरपाई सूद सहित करनी चाहिए।

दिसंबर 27, 2009

पिच खराब, मूड खराब, पर रूकना जनाब


पिच खराब, मूड खराब, पर रूकना जनाब


भारत और श्रीलंका के बीच खेला जा रहा पाँचवां वन-डे खराब पिच के कारण रद्द कर दिया गया। यह दर्शकों के लिहाज से एक अच्छी खबर नहीं है क्योंकि दिल्ली में इतनी सर्दी होने के बावजूद भी हजारों की संख्या में दर्शक मैच देखने पहुँचे थे, परन्तु जब भी इस प्रकार की परिस्थिति उत्पन्न होगी तब वरीयता क्रम में खिलाङी को ही ऊपर रखना होगा। जब खिलाङी ही चोटग्रस्त हो जायेंगे तो फिर खेलेगा कौन ?
मैच के रद्द हो जाने पर दर्शकों को संयम बरतना चाहिए ताकि भविष्य में भी खिलाङियों के पक्ष में मैच रेफरी व प्रसाशन स्वतन्त्रता पूर्वक फैसला ले सके, परन्तु बात इतने पर भी समाप्त नहीं होनी चाहिए और खराब पिच के कारणों की उच्च स्तरीय जाँच समिति बिठाकर सूक्ष्म विश्लेषण कर दोषियों को सजा अवश्य मिलनी चाहिए ताकि विशाल जन समूह की भावना को पूरा सम्मान मिल सके।

दिसंबर 25, 2009

गौतम गम्भीर के हृदय का ”विराट” फैसला














गौतम गम्भीर के हृदय का ”विराट” फैसला


भारत और श्रीलंका के बीच खेले गए चौथे वन-डे में मैन ऑफ द मैच गौतम गम्भीर ने जब अपना अवार्ड भारत के उभरते क्रिकेट सितारे विराट कोहली को प्राप्त करने के लिए आमन्त्रित किया तो दृश्य वास्तव में दर्शनीय एवम् हृदयस्पर्शी था।
वास्तव में क्रिकेट दर्शकों के मन में कई बार यह नैतिक विचार आता है कि मैन ऑफ द मैच सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले किसी वरिष्ठ खिलाङी की बजाय यह पुरस्कार लगभग बराबर किन्तु अपेक्षाकृत किसी कारणवश थोङा कम अच्छा प्रदर्शन करने वाले किसी उभरते हुए युवा खिलाङी को दे दिया जाता तो यह अवार्ड प्रेरणादायी साबित हो सकता है।
लेकिन नये व पुराने का मापदण्ड मैन ऑफ द मैच के लिए निर्धारित नहीं है, अतः यह फैसला तो गौतम गम्भीर की तरह खुद वरिष्ठ खिलाङी को ही लेना पङता है। कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी गौतम गम्भीर का यह नैतिक फैसला भविष्य में कोई स्वस्थ परम्परा का रूप लेकर अनुकरणीय बन जाये।
वास्तव में गौतम गम्भीर के अन्तर्मन का साक्षात्कार पसन्द आया व इसके लिए वे साधुवाद के पात्र है। इस मैच में गम्भीर (१५० नाबाद ) व विराट ( १०७ ) दोनो ने शतक लगाया व उनके बीच २२४ रनों की साझेदारी हुई जिसकी सहायता से भारत ने क्रिकेट के मक्का ईडन गार्डन पर लक्ष्य का पीछा करते हुए सर्वाधिक ३१७ रनों का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया व भारत ने वन-डे श्रृंखला पर ३-१ की अजेय बढत बना ली जबकी अभी अन्तिम मैच खेलना बाकी है

दिसंबर 05, 2009

राजु श्रीवास्तव - द बिगेस्ट बॉस विजेता


राजु श्रीवास्तव - द बिगेस्ट बॉस विजेता


बिग बॉस से जब हम सब के प्रिय हास्य कलाकार राजु श्रीवास्तव बाहर हुए तो दिल को एक आघात लगा, परन्तु जब आज विभिन्न न्यूज चैनल्स पर राजु के यह विचार सुने कि अब शेष बचे अन्तिम तीन सप्ताह में मुकाबला कठिन और नजदीकी हो गया है व कार्यक्रम में अब हास्य का स्थान गम्भीरता ले रही है व आने वाले एपिसोड्स हो सकता है कि तीखी नोकझोंक देखने को मिले। इस लिहाज से तो फिर राजु का बाहर हो जाना ही ठीक लग रहा है, क्योंकि लङाई-झगङा राजु के स्वभाव के विपरीत है व यदि मजबूरी में राजु ऐसा करते भी तो उनकी विशिष्ट लोकप्रिय गजोधर भैया की छवि को नुकसान पहुँचता और यह उनके फेन्स (चाहने वालो) को बिलकुल भी पसन्द नहीं आता। अतः राजु ने ६३ दिनों तक जो स्वस्थ मनोरंजन दर्शकों और बिग बॉस के साथियों को दिया, उसके लिए उनका साधुवाद। इसके अलावा एक बात मेरे ब्लॉग के माध्यम से प्रिय राजु श्रीवास्तव से कहना चाहुंगा कि आपने बिना स्क्रीप्ट के जो शानदार प्रस्तुतियां दी है वह तुम्हे इस खिताब से स्वतः ही ऊपर उठा देती है, राजु तुम सदाबहार, निर्विवाद व बिग नहीं द बिगेस्ट बॉस विजेता हो।



दिसंबर 03, 2009

जब जब वीरू बोला है, क्रिकेट सिंहासन डोला है।










ब जब वीरू बोला है, क्रिकेट सिंहासन डोला है


विश्व क्रिकेट में लगातार अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के कारण शोहरत के शिखर का आरोहण करने वाले वीरेन्द्र सहवाग ने श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टेस्ट में नाबाद २८४ रन मात्र २३९ गेंदों में बनाकर सम्पूर्ण क्रिकेट जगत को रोमांचित कर दिया। अब भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रनों की सूची में प्रथम तीनों पायदान ३१९, ३०९, २८४‘ पर सहवाग काबीज हो गये हैं। अगर टेस्ट क्रिकेट में कल तीसरे दिन सहवाग तिहरा शतक लगाने में कामयाब हो जाते हैं तो तीन तिहरे शतक लगाने का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर लेंगे व सर डॉन ब्रेडमेन व ब्रायन लारा ( दोनो २ तिहरे शतक ) को पीछे छोङ देंगे। हालांकि सहवाग की एक विशिष्ट आक्रामक शैली है व इसके कारण ही उन्होने विश्व क्रिकेट जगत में अपना लोहा मनवाया है, परन्तु यदि कल वे धैर्यपूर्वक बल्लेबाजी करेंगे तो निश्चित ही वे ब्रायन लारा का ४००‘ रनों के रिकॉर्ड को तोङ देंगे।





सितंबर 17, 2009

शिव परिवार-एक आदर्श परिवार

Shiva's family is ideal family, because all rides of family are creatures and they are naturally enemy of each other, yet they live with great love for peace and prosperity of family. So all we can learn lesson from mouse (Ganesh's ride), peacock (kartikaiy's ride), serpent (Shiva's bodyguard) ,ox (Shiva's ride) and lion (Parwati's ride) . In Shiva's family peacock loves serpent, serpent loves mouse, lion loves ox, All are example of IDEAL behaviour for IDEAL FAMILY .......
We can learn lesson from them, Can we ? We should !!!

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