भारत और श्रीलंका के बीच खेले गए चौथे वन-डे में मैन ऑफ द मैच गौतम गम्भीर ने जब अपना अवार्ड भारत के उभरते क्रिकेट सितारे विराट कोहली को प्राप्त करने के लिए आमन्त्रित किया तो दृश्य वास्तव में दर्शनीय एवम् हृदयस्पर्शी था।
वास्तव में क्रिकेट दर्शकों के मन में कई बार यह नैतिक विचार आता है कि मैन ऑफ द मैच सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले किसी वरिष्ठ खिलाङी की बजाय यह पुरस्कार लगभग बराबर किन्तु अपेक्षाकृत किसी कारणवश थोङा कम अच्छा प्रदर्शन करने वाले किसी उभरते हुए युवा खिलाङी को दे दिया जाता तो यह अवार्ड प्रेरणादायी साबित हो सकता है।
लेकिन नये व पुराने का मापदण्ड मैन ऑफ द मैच के लिए निर्धारित नहीं है, अतः यह फैसला तो गौतम गम्भीर की तरह खुद वरिष्ठ खिलाङी को ही लेना पङता है। कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी गौतम गम्भीर का यह नैतिक फैसला भविष्य में कोई स्वस्थ परम्परा का रूप लेकर अनुकरणीय बन जाये।
वास्तव में गौतम गम्भीर के अन्तर्मन का साक्षात्कार पसन्द आया व इसके लिए वे साधुवाद के पात्र है। इस मैच में गम्भीर (१५० नाबाद ) व विराट ( १०७ ) दोनो ने शतक लगाया व उनके बीच २२४ रनों की साझेदारी हुई जिसकी सहायता से भारत ने क्रिकेट के मक्का ईडन गार्डन पर लक्ष्य का पीछा करते हुए सर्वाधिक ३१७ रनों का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया व भारत ने वन-डे श्रृंखला पर ३-१ की अजेय बढत बना ली जबकी अभी अन्तिम मैच खेलना बाकी है
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